iPhone और एंड्राइड फोन में क्या अंतर है (11 अंतर जानें)

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कोई भी इन्सान जब भी पहली बार कोई Smartphone लेने की सोचता है तो उसके मन में भी बहुत सारे सवाल आते हैं. आज हमारे पास एक Smartphone लेने के लिए हजारों नहीं लाखों Option हैं. 

इसलिए ये तय कर पाना मुश्किल हो जाता है की हमारे लिए कौन-सा Smartphone Best रहेगा Android Phone या iPhone. एक और बात, आजकल लोगों में iPhone लेने की होड़ लगी हुई है, इसी बीच हम भी सोचने पे मजबूर हो जाते हैं की इसमें ऐसी क्या खास बात है. चलिए जानते हैं की Android Phone और iPhone, दोनों में क्या अंतर है?

Android Phone vs iPhone - Which is Best in Hindi



हम लोगों में से ज्यादातर लोग कोई भी Product लेने से पहले उसकी पूरी जाच पड़ताल करते हैं की वो किन मामलो में दूसरी चीजों से अच्छा है. Compare करने के बाद अफोर्डेबल प्राइस में लेना पसंद करते हैं. उदहारण के तौर पे मान लीजिये आप बाइक लेने गए, अब एजेंसी तो ढेरो बाइक दिखा देगी लेकिन आपको Choose करना है की कौन सा बाइक लेना फायदेमंद रहेगा, और ज्यादा दिन तक साथ निभाएगा. क्योकि Best और Best Ever में एक को choose करना आसान नहीं होता है. 


iPhone और एंड्राइड फोन में क्या अंतर है

बाज़ार में मुख्यतः तीन प्लेटफॉर्म्स के मोबाइल मिलते हैं Android, iOS और Windows. आपके पास ये तीन आप्शन हैं, जिनमे से बहुत ही कम लोग Windows प्लेटफार्म के मोबाइल्स इस्तेमाल करते हैं. अब बचे Android और iOS ( iPhone OS) जो iPhone का Operating System है. इन दोनों के मामले में कुछ लोगों को लगता है की Android और iPhone Similar हैं, लेकिन ऐसा नहीं हैं. अगर हम दोनों के Features पर गौर करें तो काफी अंतर मिलता है.

Hardware

Android Mobiles में पहले MediaTek Processor का उपयोग किया जाता था. लेकिन आजकल इसमें Qualcomm, Quad-core प्रोसेसर का यूज़ किया जाता है जिससे इसकी Performance अच्छी हुई है. Android में Hardware में सबसे ज्यादा अंतर देखने को मिलता है. लेकिन सिर्फ एप्पल ही एक मात्र ऐसी कंपनी है जो iPhone निर्माण करती है. बाकि सभी कंपनियां जैसे Samsung, Micromax, Google, Xaomi Redmi, Realme जैसे कई Manufacturers सिर्फ Android Platform का इस्तेमाल करती हैं.

Apple का iPhone के Hardware और Software पर पूरा Control रहता है. इसी कारण से एप्पल अपने iPhone को बनाने में कोई समझौता नहीं करती अर्थात इसकी Quality में कोई शक नहीं किया जा सकता. लेकिन Android Smartphones ऊतनी Quality के साथ नहीं बनाये जाते हैं. इसी वजह से इसके ख़राब होने की ज्यादा सम्भावनाये रहती हैं और ख़राब होती भी हैं.



Personalization

अगर आप एंड्राइड मोबाइल का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इसमें आपको Personalize करने के लिए अच्छे से अच्छे Features एंड्राइड मोबाइल में मिलेंगे. आप उसमे अपना मन पसंद Wallpaper, Theme या Live Wallpaper लगा के उसका इंटरफ़ेस बदल सकते है. किसी App के icon को अपनी जरुरत के हिसाब से सजा सकते हैं. 

Android Phone के Software को Root भी कर सकते हैं और अपना मन पसंद सॉफ्टवेर डाल कर चला सकते हैं. लेकिन iPhone में इनमे से सिर्फ कुछ ही चीजें कर सकते हैं. जैसे वॉलपेपर बदलना icon को इधर उधर करना.लेकिन इसकी Root नहीं किया जा सकता क्योकि Apple का iPhone, High Security के साथ बना होता है और दूसरी तरह से iPhone को Personalize नहीं किया जा सकता.


Style

अपने आकर्षक स्टाइल के लिए iPhone बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है. मोबाइल के Back को देखने पर कोई भी इसके Design का दीवाना हो जाता है. iPhone काफी पतला होता है और इसका Display भी High Quality का रहता है. iPhone में ही सबसे पहली बार Gorrilla Glass का इस्तेमाल किया गया था जो मोबाइल स्क्रीन को स्क्रेच होने से बचाता है. 

हालाँकि आजकल के Android Mobiles में भी Gorrilla Glass Protection दिया जाता है. आप निराश न होइए आजकल के एंड्राइड मोबाइल्स में कमाल के Designs के साथ बने होते है. एक-से-एक आकर्षक स्टाइल्स के Smartphones आपको Android प्लेटफॉर्म में भी मिले जायेंगे.


Battery

जब आप एक iPhone लेते हैं तो शुरू-शुरू में इसे प्रतिदिन Charge करना पड़ता था. Charge किये बिना इसके साथ ज्यादा दिनों तक बाहर सफ़र करना नामुमकिन था. आजकल के नए iPhones में इसका सुधार किया गया है. Latest iPhones की Battery Charge करने पर एक से दो दिन आराम से चल सकती है.एक बात और आपको बता दूँ Apple Mobile Company पैकेजिंग बॉक्स को छोटा करने के लिए Latest iPhone 12 के साथ  चार्जर और एअर्पोड्स नहीं दे रही है. 

Android Mobiles अलग-अलग Hardware Components के साथ आते है. इसीलिए इसमें Battery की खपत ज्यादा होती है. इसीलिए Android Mobiles ज्यादा Battery Back-up के साथ आते हैं. आजकल के एंड्राइड मोबाइल्स 5000-6000mAh बैटरी के साथ आते हैं. एक बार Charge कर दो और दो दिनों तक आवश्यकतानुसार इस्तेमाल कर सकते हैं.



Variety

मार्केट में Android Mobiles के लिए आपके पास बहुत सारे आप्शन मौजूद हैं. आपको एंड्राइड मोबाइल लेना है तो आपको इसके बहुत सारे कंपनियो के अलग-अलग Models में बहुत सारे विकल्प मिल जायेंगे. आप जिसे चाहें उसे ले सकते हैं Samsung, Micromax, और Realme कम कीमत में अच्छे Smartphones प्रोवाइड करती है. 3 हज़ार से लेकर 40-50 हज़ार तक में आपको एंड्राइड मोबाइल मार्केट में मिल जायेगा. लेकिन iPhone में आपको ज्यादा Variety नहीं मिलती है.

Apple ने iPhone के ज्यादा Models नहीं लांच किये हैं. जब भी नए Models में लांच करता है तो दो ही माडल लांच करता है. बाज़ार में बस कुछ ही Models में आपको अपने फ़ोन का चुनाव करना होता है. इसीलिए इसमें Choose करना आसान होता है, और इसके मोबाइल्स की कीमत 40-50 हज़ार से ही शुरू होती है.


Multi-tasking

Multi-tasking का मतलब है एक मोबाइल में एक साथ अनेक काम करना. आजकल इसकी जरुरत कुछ ज्यादा ही पड़ती है. iPhone में कंप्यूटर सिस्टम होने की वजह से और सुपरफ़ास्ट ऑपरेटिंग सिस्टम iOS होने की वजह से इसमें Multi-tasking करना ज्यादा आसान होता है. इसीलिए इसकी कीमत बाकि Smartphones के मुकाबले ज्यादा रहती है.

अब आते हैं एंड्राइड मोबाइल की Multi-tasking पर, ऐसा नहीं है की इसमें Multi-tasking नहीं होती; होती है लेकिन ज्यादा समय तक Multi-tasking की जाये तो कुछ apps के बंद होने के Chances रहते हैं. आजकल के Latest Android Phones में अच्छे से Multi-tasking की जा सकती है.


Operating System Updates

अगर हम ऑपरेटिंग सिस्टम ही बात करें तो हाल ही में लांच हुआ iOS 14.2 iPhone 5S और उसके बाद के सभी Models को सपोर्ट करता है. क्योकि एप्पल कंपनी सभी iPhones में एक ही जैसे हार्डवेयर का इस्तेमाल करती है. वहीँ एंड्राइड का वर्शन Pie जो 2018 के पहले सप्ताह में रिलीज़ हुआ था. 4 सप्ताह के बाद भी केवल 0.1% Devices पर ही इंस्टाल हो पाया था.

उसी प्रकार Android 8 (Oreo) रिलीज़ होने केर बाद सिर्फ 0.2% Devices पर और Android 7 एक साल के बाद भी केवल 18% Devices पर ही काम कर रहा था. इसका सबसे बड़ा कारण ये है की विभिन्न कंपनियां जो आपके मोबाइल को एंड्राइड प्लेटफार्म के लिए बनती हैं. वो सभी एक जैसे ही हार्डवेयर का इस्तेमाल नहीं करती,

सभी में अलग अलग हार्डवेयर लगे होने की वजह से Latest ऑपरेटिंग सिस्टम काफी मोबाइल्स में install नहीं हो पाता है. Smartphone में Latest OS की चाहत रखने वालों के लिए iPhone बेहतर साबित हो सकता है.


App Selection and Control

आज Google के प्ले स्टोर में लगभग 2.8 मिलियन apps है और Apple के App Store में 2.8 मिलियन. इसी से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की एप्पल App सिलेक्शन कितनी सख्ती से करता है. कुछ समय पहले Google Play Store में Whatsapp का एक Fake Version पब्लिश हुआ था जिसे 1 Milion लोगों ने डाउनलोड भी कर लिया था, इस तरह के Examples आपकी सिक्यूरिटी के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.

लेकिन Apple App Store में जब भी कोई एप्लीकेशन पब्लिशर द्वारा भेजा जाता है तो उसको सख्ती से जाचा परखा जाता है तभी उसे App Store में जगह दी जाती है. अगर आप iPhone लेने की सोच रहे हैं तो इस मामले में निश्चिन्त रहें; इसमें एप्लीकेशन पर पूरा कण्ट्रोल रहता है.

Performance

Android के ज्यादातर मोबाइल्स में हैंगिंग प्रॉब्लम अक्सर देखी जाती है. कभी कभी मोबाइल किसी अज्ञात कारण से या Low Ram की वजह से या बहुत तेजी से इस्तेमाल करने से, बहुत ज्यादा apps के साथ Multi-tasking करने से हैंग करने लगता है.

इसका भी मुख्य कारण इसके हार्डवेयर में विविधता ही है.लेकिन एप्पल अपने iPhones को खुद ही मैन्युफैक्चर करता है. अर्थात उसमे Software और Hardware खुद ही लगाता है और ऐसे में उसका मोबाइल सभी कंपोनेंट्स का भरपूर इस्तेमाल करता है, और कैसे भी चलाने पर भी परफॉरमेंस कभी कमजोर नहीं पड़ता है 


Camera Facility

दोनों प्लेटफॉर्म्स के Camera की बात की जाये तो एंड्राइड, iPhone से नहीं जीत सकता क्योकि iPhone में कैमरा की Facility काफी शानदार होती है. उदहारण के तौर पर iPhone SE 2020 के किये गए कैमरा टेस्ट में Smartphone की Camera और Audio टेस्ट करने वाले Website DxOMark ने इसे 101 OverAll Score दिया है.

अब जरा सोचिए की Single Camera होने के बावजूद इसने कई  एंड्राइड मोबाइल्स को पीछे छोड़ दिया. Android मोबाइल्स में भले ही 16MP कैमरा हो, लेकिन वो iPhone के 12MP कैमरा की बराबरी नहीं कर सकता. क्योकि एप्पल अपने Devices को बनाने में Compromise बिलकुल भी नहीं करता है.

Costomer Services

कस्टमर सर्विसेज का मतलब है की जब आप एंड्राइड या एप्पल का iPhone ले लेते हैं. उसके बाद कभी भी अगर आपको मोबाइल से सम्बंधित कोई भी समस्या आती है तो कंपनी किस प्रकार से आपकी सहायता करती है. अधिकतर iPhone उपयोगकर्ताओं का कहना है, की एप्पल कंपनी ज्यादा अच्छी Costomer Service प्रोवाइड करती है,और ये सच भी है.


आपको अगर iPhone में आगे चल कर कोई समस्या आती है तो एप्पल स्टोर में जाने पर वो आपकी पूरी सहायता करते हैं. अगर आपका iPhone ठीक नहीं होता है तो iPhone Exchange की भी सुविधा मिलती है. वहीँ एंड्राइड मोबाइल में कोई समस्या आने पर आपको बार बार Service Center या Repair Shop के चक्कर काटने पड़ते हैं.


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मेरे ख़याल से अब आपको समझ में आ गया होगा की Android Phone vs iPhone in Hindi दोनों में कौन सा Smartphone Better है. अगर  इस लेख से सम्बंधित कोई भी समस्या है या कोई सवाल आपके मन में है तो हमें Comment कर के बताएं.

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Harsh Lahre
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